मैं तो हूँ तंग मैया तेरे नंदलाल से,
ले जाता मटकी में से माखन निकाल के ॥
दोष लगावे ग्वालिन, तेरे नंदलाल पे,
रखती नहीं है काहे, माखन संभाल के ॥
बड़ो ही खोटो है कन्हैया, माखन रोज चुरावे,
मैं गागर जब भरने जाऊं, पीछे पीछे आवे,
मारे गागर में मोहन, कांकर उछाल के,
ले जाता मटकी में से माखन निकाल के……
बड़ी ही झूठी है गुजरिया, झूठो दोष लगावे,
बार बार मेरी करे शिकायत, मैया से पिटवावे,
माखन लपेट जाती, मेरे ही गाल पे,
रखती नहीं है काहे, माखन संभाल के,
मैं तो हूँ तंग मैया तेरे नंदलाल से,
ले जाता मटकी में से माखन निकाल के॥
दोष लगावे ग्वालिन तेरे नंदलाल पे,
रखती नहीं है काहे माखन संभाल के……….