मैंने पहनी है नई नई साड़ी,
ना मारो पिचकारी रसिया,
गोवर्धन से मैं ब्याह कर आई,
कसम मेरो बड़ो सख्त कन्हाई,
मेरी कर देगा खातिरदारी,
मैंने पहनी है नई नई साड़ी…..
सास नणद से करके बहाना,
होरी खेलन आई हूँ कान्हाँ,
मैं दुल्हनिया हूँ अनाड़ी,
ना मारो पिचकारी रसिया,
मैंने पहनी है नई नई साड़ी…..
अगली बार मेरे बाँके बिहारी,
आउंगी करके मधुप तैयारी,
मोहे जाने जो अबकी बारी,
ना मारो पिचकारी रसिया,
मैंने पहनी है नई नई साड़ी…
श्रृंगार सांवरिया लागे ये प्यारा है,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए।। -2
लगती काजल की कोरे,
काली घटा
मन को भाने लगी तेरी,
प्यारी छटा
है रूप तेरा प्यारा प्यारा,
जो मोह लेता है जग सारा,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए….
चमके कानों में कुंडल,
दिनकर से,
सारी ले लूँ बलाए मैं,
जी भर के,
नजर कहीं ना लग जाए,
सोणा सा मुखड़ा मन भाए,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए…
न्यारा जग में तेरा,
ये श्रृंगार है,
प्यारा फूलों में बैठा,
वो दातार है,
‘माही’ को रूप तेरा भाए,
‘तनु’ तेरी महिमा गाए,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए…
श्रृंगार सांवरिया लागे ये प्यारा है,
देख के प्यार से मुस्कुरा दीजिए -2