मैया मोरी चोरी चोरी आती है मिलने राधा गोरी
करवादे विवाह उस से मैया मैं हु नटखट कन्हिया
सुन रे लला छोड़ मोरा पला ब्रिज में मच गयो तेरा हल्ला,
ढाले राधा के गले बहिया विअहू न तुझको कन्हिया
ऐसा क्यों कहे मेरी मैया मैं हु तेरो बार कन्हिया,
भूल गई मैं तेरे कारन रोज चराने जाऊ गैयाँ,
तू है मेरी मैया प्यारी विवाह की कर तयारी पड़ता हु मैं तेरे पैयाँ,
मैं हु तेरा कन्हिया……
जाये जब तू गाये चराने लता है गोपियों से उल्हाने,
यमुना पर जाये जब वो जाये नहाने पौंचे वाही तू चीर चुराने,
छोड़ दे मैया बीती कहानी माफ़ भी कर दे मेरी नादानी बसा दे घर मेरा मैया.
मैं तेरा नटखट कन्हिया…..
मैया मोरी चोरी चोरी आती है मिलने राधा गोरी
करवादे विवाह उस से मैया मैं हु नटखट कन्हिया………..