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मत छेड़े ओ सांवरिया


मत छेड़े ओ सांवरिया मनै होवै वार सै
आजा राधा बैठ करेंगे बातें प्यार सै

तू काला मैं गौरी कान्हा तेरी मेरी ना जोट मिलै
जब तक तोहै ना देखूं ना राधा मोहै चैन मिलै
रस्ते में तू रोज मिलै पड़ जागी मार सै

जब भी मटकी लेकर निकलूं पाछे पाछे आवे तू
मनै चखा दे माखन राधा क्यूं ज्यादा तरसावै तू
क्यूं माखन मेरा खावै तू तेरी टपकै लार है

बात करै जो मनमोहन तू बरसाने में आ जइये
बरसाने भी आ जाऊं पर हंस कै तू बतला जइये……….,


जबसे निहारा रूप तुम्हारा लगता नहीं है प्यारा कोई,
कैसे बताये तुझको कन्हैया मिलने को आंखे है कितनी है रोइ,

सांवरिया तेरी सूरत पे सूरज चंदा भी बलिहारी,
आखियो से बरसता अमृत है मुस्कान पे सब दुनिया हारी,
इस दुनिया में श्याम से सूंदर हो सकता है कोई नहीं,
कैसे बताये तुझको कन्हैया मिलने को आंखे है कितनी है रोइ,

मुरली की मधुर तान से मोहन मुरझाया मन भी खिल जाता,
जो संग में तेरे खेले है वैसा इक पल भी मिल जाता,
जन्मो से प्यासी इन अखियां को मिल जाता सागर कोई
कैसे बताये तुझको कन्हैया मिलने को आंखे है कितनी है रोइ,

तेरा ही सुमिरन हो जीवन तेरा ही दर्शन पाये नेयंन,
जब तक सांसो का साज भजे गूंजे तेरे नाम की सरगम,
राजू की दुनिया से हो जब विदाई सपनो में तेरे हो कोई कोई,
कैसे बताये तुझको कन्हैया मिलने को आंखे है कितनी है रोइ………


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