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मायरो भरण ख चल्या नरसिंह अंजार


सतिया सत ना छोड़िए  सत छोड़े पत जाय,
सत की वानी लक्ष्मी  वो फिर मिलेगी आय,

मायरो भरण ख चल्या नरसिंह अंजार ,
सोला सूरदास लई न नानी बाई का द्वार  ,
अई जा सावरिया , करू थारो इंतजार ,,,,,,

देखी न लोग हस साधु की जम्मात ,
नानी बाई की सासु ननद मुंडा धर हाथ ,
मायरो भरग कसो कौड़ी नही पास म ,
याव ख मिलई देग साधु सत्यानाश म ,
आज म्हारी बिगड़ी बनई जा करतार ,
अई जा सावरिया , करू थारो इंतजार ,,,,,,

थारी भगति म हाऊ तो लुटई गयो सारो ,
अंत म आव म्हारो कोई नी सहारो ,
थारा भरोसा प खेल छे यो सारो ,
नगर अंजार म कोई नी हमारे ,
मारे शरम का हाऊ तो हुइगो तार तार ,
अई जा सावरिया , करू थारो इंतजार ,,,,,

प्रहलाद गणिका तुन मीरा ख तारी ,
धन्ना भगत की तुन खेती उबारी ,
केवट की प्रभु तुन चुकई दी उधारी ,
कहा चली गया जब अइ म्हारी बारी ,
अबकी बार बणी जा तू म्हारो मददगार ,
अई जा सावरिया , करू थारो इंतजार ,,,,,,

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