एक गांव में एक जमींदार रहा करता था। उसके पास बहुत सारी जमीन और कई सारे नौकर चाकर थे । उसके पास खेती भी कम न थी । इसीलिए कई नौकर खेती में काम पर लगे हुए थे ।
फिर भी उसे लगातार खेती में घाटा हो रहा था।दिन प्रतिदिन उसकी खेती से आमदनी घट रही थी ।इसीलिए वह जमींदार बहुत चिंतित रहता था।
एक दिन जमींदार का एक मित्र उससे मिलने आया ।भोजन करने के बाद दोनों मित्र आपस में पुराने दिन याद करने लगे।जमींदार को चिंता में देखकर मित्र ने उससे पूछा “भाई तुम क्यों इतने चिंतित हो। क्या बात है मुझे बताओ”।
जमींदार ने कहा कि “मेरे पास बहुत जमीन है।और कई नौकर चाकर है ।फिर भी मेरी आमदनी लगातार घटती जा रही है। इसी बात से मैं चिंतित हूं”।
जमींदार ने मित्र से कहा “मित्र अब से हर रोज सुबह शाम खेत में जाया करो। तुम्हारी आमदनी अवश्य बढ़ जाएगी “।जमींदार को थोडा आश्चर्य तो हुआ ।उसने फिर भी अपने मित्र की सलाह मानी।
दूसरे दिन वह सुबह सवेरे ही खेत पर पहुंचा ।उसने देखा कि कुछ नौकर खेत से गायब है और कुछ खेत में बैठकर गप्पें मार रहे हैं। खेत से कई सामान भी गायब है। यह देखकर सारी बात जमींदार की समझ में आ गई ।
अब जमींदार हर रोज सुबह शाम खेतों पर जाने लगा।अपने सामने ही नौकरों से काम करवाने लगा और खुद भी नौकरों के साथ साथ काम करने लगा ।
खुद जमींदार को अपने साथ काम करते देख सभी नौकर भी काम करने लगे ।अब सब काम जल्दी जल्दी होने लगा। थोड़े समय में ज्यादा काम होने लगा और आमदनी भी बढ़ने लगी।
Moral Of The Story
अपना काम सदैव खुद करना चाहिए।अपना काम किसी और के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए।