Breaking News

मेरा झूठा नाम लगाया


मेरा झूठा नाम लगाया री मैया, मैं नहीं माखन खाया,
मैं उठा सवेरे वन में गऊ चराने आया मैया ॥

बात करै माखन की, मैं फिरूँ हूँ भूखा प्यासा,
मैं ऊखल से बंधवाया री, मैया मैं नहीं माखन खाया,
मेरा झूठा नाम………

ये सखियां मथुरा जाती, मुझको है रोज चिढाती,
तेरा कान्हा बहुत सताया री, मैया मैं नहीं माखन खाया,
मेरा झूठा नाम……

यमुना तट गऊ चराता, मस्ती में अपनी रहता,
मुझे फिर भी चोर बताया री, मैया मैं नहीं माखन खाया,
मेरा झूठा नाम……

मैं सदन छोड़कर जाऊँ, मुरली की टेर सुनाऊं,
सखियों से तंग मैं आया री, मैया मैं नहीं माखन खाया,
मेरा झूठा नाम……

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....