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मेरा कलेया नी लगदा


मेरा कलेया नी लगदा जी मेरे घर आ श्यामा
मेरा तेरे बिन लगदा नी जी मेरे घर आ श्यामा
मेरा कलेया नी लगदा जी

कूट कूट रोटियां मैं चुरिया बनाऊदी आ
विच पावा देसी घी मेरे घर आ श्यामा
मेरा कलेया नी लगदा जी

गोकुल शेहर तो मैं गाऊआ मंगवाऊंदी आ
मैं चोवा तू पी मेरे घर आ श्यामा
मेरा कलेया नी लगदा जी

कोरे कोरे कुजे विच दही मैं जमाऊंदी आ
मैं रिड़का तू पी मेरे घर आ श्यामा
मेरा कलेया नी लगदा जी,,,,,,,,,,,,


देखो रे ब्रिज में मची है धूम
सुन मुरली की धुन तू भी प्रभु संग झूम
देखो रे ब्रिज में मची है धूम

झन्न झन्न झरना झूमे नदियाँ झूमे मगन
सन्न सन्न पवन झूमे झूमे धरती गगन
घन्न घन घोर घटा से बात पके की सुन
सुन मुरली की धुन तू भी प्रभु संग झूम

राधा संग गोपी झूमे झूमे नन्द गाव
मुरली मधुर तान में झूमे सारा ब्रिज धाम,
ऐसी लीला छोड़ कहा भटक गए हो तुम
सुन मुरली की धुन तू भी प्रभु संग झूम

सात सुरु के गूंज से झूम उठा संसार
भगतो का मन मोहने वाले रामा नारायण अवतार
भक्त कुमार केशव भी आज लिया प्रभु को चुन
सुन मुरली की धुन तू भी प्रभु संग झूम…………

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