सब धामों से धाम निराला श्री वृंदावन धाम,
कुंज निकुंज में याहा विराजे प्यारे श्यामा श्याम
मेरा वृंदावन प्यारा मेरा ब्रिज धाम है न्यारा,,,,,,,
याहा बेहती है यमुना रानी जिसकी है नील धारा,
कं कं में श्याम समाये जरा देखो आके नजारे
गली गली में संत विराजे जपते कृष्ण को नाम
मेरा वृंदावन प्यारा मेरा ब्रिज धाम है न्यारा,,,,,
उसकी किरपा का हर पल याहा लुटता है भण्डार,
मिलता है यहाँ पे सब को बांके ठाकुर का प्यार ,
युगल चरण में आके हम को मिल जाये विश्राम,
मेरा वृंदावन प्यारा मेरा ब्रिज धाम है न्यारा,,,,,,
कही बंशी की धुन बाजे कही छम छम बाजे पायल,
प्याला इस रस का पी कर तू हो जइयो रे पागल
चितर विचत्र का ब्रिज भूमि को कोटि कोटि परनाम
मेरा वृंदावन प्यारा मेरा ब्रिज धाम है न्यारा,,,,,,,,,,,