मेरा यार कन्हिया है वृंदावन आया हु
जग का ठुकाराया हु तेरी शरण में आया हु
मथुरा ढूंडा तुम को गोकुल ढूंडा तुम को
किस जगह नही ढूंडा हम दम मेरे तुम को
दो नैन ये हारे है हुआ बुरा रो के हाल
फर्यादे लाया हु तेरे दर पर आया हु
मेरा यार कन्हिया है वृंदावन आया हु
तेरे विरहे में ओ श्यामा सूद बुध खो बेठा हु
अपना ले मेरे कान्हा जैसा भी हु तेरा हु
आके धीर बंधा जा तू अब करदे मुझे निहाल
अपनों का सताया हु उमीदे लाया हु
मेरा यार कन्हिया है वृंदावन आया हु
मेरी आस न टूटेगी मेरी बाह पकड़ लेगा
मेरे गम के सारे अनसु गिरधर तू पोंछेगा
नागर क्यों चिंता करे वो बनता सभ की ढाल,
मेरा यार कन्हिया है वृंदावन आया हु………….