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मेरी ये मुरलीधर


मन में भगवान मिलेगे जिस ने बनाये इंसान
कोई फर्क न दोनों में दोनों इक समान
दोनों है ये प्रेम की मूरत इक दूजे के पहचान
अलग अलग चेहरे सजे चेहरों में भगवान है
गजब दातारी है मेरी ये मुरलीधर,

संसार रचाने वाले ने जग को है खूब सजाया
आप बना वो पत्थर का देखो उस की माया
छोड़ दिया सब उस ने तुज्पे रखी डोरी हाथ
संग संग तेरे वो चला बन के परछाई साथ,
गजब का कारीघर मेरी ये मुरलीधर,

दीं बड़ा है दीना नाथ वो करता तुम से प्यार
तेरे वस् में हर दम रहता क्यों भोला संसार
अपने भगतो के आंसुओ पे रोते है भगवान
इक छोटी सी पुकार पे भेजे रागी अनजान
गजब का कारीघर मेरी ये मुरलीधर,

समय की बदले देखो चाल बदले रंग हजार
छोड़दे उसके आसरे पालनहार ,
ये बंगले सब है उस के तू तो चोंकीदार,
इधर उधर भिखरे खजाने पत झड़ सावन बहार
गजब का कारीघर मेरी ये मुरलीधर,

मुठी भर दाने उपजे लेहरा के खेत हमारा,
चुन चुन पक्षी खाते प्यारे भरता पेट हमारा,
दाना पानी खीच ले जाता सकल मुसाफिर प्यारे
राधिका चंदा सुबह की लाली के चलते इस के इशारे ,
गजब का कारीघर मेरी ये मुरलीधर………..

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