मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ,
साँवरे अब सही हमसे जाती नहीं,
मुझको इतना बता दो मेरे साँवरे,
क्यों दया तुमको प्रेमी पे आती नहीं,
मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ…..
बनके टूटी सी कब तक रहूँ,
ताने दुनिया के मैं श्याम कब तक सहूँ,
आंसू की तेज धारा में कब तक बहूँ,
मेरी दर्दो सितम से भरी दास्तां,
जान लो अब कही हमसे जाती नहीं,
मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ……
छलनी छलनी हुआ है ये सीना मेरा,
चैन अपनो ने ही श्याम छीना मेरा,
बिन तेरे अब तो मुश्किल है जीना मेरा,
थाम लो अब तो दामन मेरा मोहना,
तुझसे बढ़कर मेरा कोई साथी नहीं,
मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ।।
गहरी नदिया भँवर श्याम विकराल है,
मुँह को खोले खड़ा सामने काल है,
बेबसी में तेरा दास बेहाल है,
कैसे नैया किनारे पे लाऊंगा मैं,
राह कोई नजर अब तो आती नहीं,
मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ……
इस से पहले कि आशा निराशा बने,
सारी दुनियाँ में मेरा तमाशा बने,
हार की इक नई परिभाषा बने,
अपने चरणों की छाया में ले लो तरुण,
कोई चौखट मुझे और भाती नहीं,
मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ…….