Breaking News

Mere kanha sath nibhana

और नही कुछ तुम से केहना सेवा में तेरी मुझको रेहना
मेरे कान्हा मेरे कान्हा मेरे कान्हा साथ निभाना……

तू दाता मैं तेरी पुजारन तेरे दर की मैं हु भिखारन,
बन ना चाहू मीरा से जोगन पूरी करदो मेरी तमना,
मेरे कान्हा मेरे कान्हा मेरे कान्हा साथ निभाना…..

हारे का हो तुम तो सहारा तुम से चलता सब का गुजारा
दिल से दिल ने तुम को पुकारा तुम से मेरी दिन और रैना,
मेरे कान्हा साथ निभाना…..

कुछ देखू प्रभु तूम को देखू छोड़ के मैं सब तुम को देखू
जब देखू तब तुमको देखू और न देखे कान्हा कुछ ये नैना
मेरे कान्हा साथ निभाना…….

Check Also

pakshi-budiyaa

बेजुबान रिश्ता

आँगन को सुखद बनाने वाली सरिता जी ने अपने खराब अमरूद के पेड़ की सेवा करते हुए प्यार से बच्चों को पाला, जिससे उन्हें ना सिर्फ खुशी मिली, बल्कि एक दिन उस पेड़ ने उनकी जान बचाई। इस दिलचस्प कहानी में रिश्तों की महत्वपूर्णता को छूने का संदेश है।