Breaking News

मेरे राम गरीब निवाज़

अब तुम बिन को मोरि राखे लाज,
मेरे राम गरीब निवाज़ ॥

मैं असहाय अधम अग्यानी, पतितन को सिरताज,
पतित उधारन विरदु आपनो, सिद्ध करो महाराज ॥
अब तुम बिन . . .

जिन जिन ध्याये तिन तिन पाये, अजामील गज व्याध,
हमरी बारी जाय छिपे तुम, किन कुंजन में आज ॥
अब तुम बिन . . .

धीरज दया क्षमा शुचिता दम संयम सच को ज्ञान,
दो हमको ये सद् गुन सारे, कृपा करो महाराज ॥
अब तुम बिन . . .

मैं अपराधी हूँ बड़ाऽऽऽ, (मुझ में) अवगुन भरा विकार,
क्षमा करो अपराध सब, अपना विरद विचार ॥
अब तुम बिन . . .

wish4me

  • Videos
  • Playlists
  • 359 more
  • 18 more
    • Check Also

      nastik

      एक नास्तिक की भक्ति

      इस कहानी में हरिराम नामक आदमी के बदलते दृष्टिकोण और उसकी नास्तिकता से बच्चे को दवा देने की भरपूर भावना को दर्शाया गया है।.........