मेरे साँवरे का प्यार सदा ,
मुझपर यूँ बरसता रहता है
बंद नैनो से, भी मुझको बस ,
दीदार इन्ही का होता है
जिस रोज़ से इनके दर आये,
हम दुख अपना सब भूल गए ,
भजनों में इनके हम यूँ खोये ,
कहीं आना जाना भूल गए,
अब हर पल ,मेरे ख़यालों में, बस श्याम नाम ही रहता है
बंद नैनो से ,भी मुझको बस ,
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा ,मुझपर यूँ बरसता रहता है
दुख की अब ये औकात नहीं ,
के छू भी हमको वो पाए ,
मायूसी अब ना जीवन में ,
बस हँसे ,हँसाये और गाएं,
इनकी कृपा से ना चिंता,ना कोई डर सताता है
बंद नैनों से ,भी मुझको बस ,
दीदार इन्हीं का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा
मुझपर यूँ बरसता रहता है
बाबा की शीतल छाया में,
मै सारे ही सुख पाती हूँ,
कृष्णा तेरा हर पल शुक्र करूँ,
चरणो में शीश नवाती हूँ,
अब *माया* मोह नहीं कोई ,
धन श्याम नाम का बरसता है
अब *माया* मोह नहीं कोई
धन श्याम नाम का बरसता है
बंद नैनों से ,भी मुझको बस,
दीदार इन्ही का होता है
मेरे साँवरे का प्यार सदा ,
मुझपर यूँ बरसता रहता है…………