मेरी अखियो में बस जाओ श्याम
दर्शन मैं कर दी रवा
तुझे ध्याऊ सुबह और श्याम
सुमिरन मैं कर दी रवा
मेरी अखियो में बस जाओ श्याम……
तुझको ही पुजू तुझको ही गाऊ
तुझको ही अपने मन में वसाऊ,
छोड़ो जग के सब झनझाल
भजन मैं करदी रवा
मेरी अखियो में बस जाओ श्याम…..
श्रदा सुमन मैं तुझको चडाऊ
प्रेम भाव का ढोक लगाऊ
जपु तेरा ही बस नाम
जपन मैं करदी रवा
मेरी अखियो में बस जाओ श्याम……
इतनी किरपा अब करदो मुरारी
करती रहू मैं भक्ति तुम्हारी
रहे तेरी लगन मेरे श्याम
रटन मैं करदी रवा
मेरी अखियो में बस जाओ श्याम…….