मेरे विनती यही है श्याम प्यारे किरपा बरसाए रखना
मुझे तेरा ही सहारा वनवारी चरणों से लिपटाए रखना
छोड दुनिया के झूठे नाते सारे,कन्हियाँ तेरे दर पे आ गया
मैंने तुमको पुकारा हे मुरारी,के जग से बचाए से रखना,
कृपा बरसाए रखना…
इन सांसो की माला पेहने सदा ही तेरा नाम सिमरूं
लागी नशा श्री श्याम नाम वाली, नशा ये चड़ाये रखना
कृपा बरसाए रखना…
तेरी नाम की ओड चुनरिया मैं डोलू तेरी गलियन में
दास की यही है अर्जी के सेवक बनाये रखना,,,,,,,
यमुना के तट पे तू आया, सखियों का मन भरमाया,
सांवरे तू बड़ा नटखट, ओ श्यामा रे तू बड़ा नटखट
हां हां जान गई मैं, पहचान गई मैं,
तू छलिया जमाने भर का मान गई मैं
मेरी मटकी को…-2 फोड़ गिराया,
श्यामा रे तू बड़ा……
आया तू चोरी चोरी करे तू सीना जोरी,
तूने पकड़ी कलईया गोरी-गोरी
मेरे माखन को…-2 तूने लुटाया,
श्यामा रे तू बड़ा नटखट……
तू भाग किधर, जरा तू ठहर इधर,
तेरी मैय्या को दूंगी, अभी जाके खबर
तेरे लाला ने…-2 हमको सताया,
श्यामा रे तू बड़ा नटखट……
आया तू सखियों के घर हुआ तू बेखबर,
तूने बंसी बजाई बड़ी मधुर-मधुर
तूने संतोष का मन है लुभाया,
श्यामा रे तू बड़ा नटखट……