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मोची और दयाल बौने !!

एक बार एक गाँव में एक गरीब मोची रहता था। एक रात वह भूल से एक चमड़े का टुकड़ा अपनी दुकान में छोड़ गया। अगली सुबह चमड़े के स्थान पर एक जोड़ी नए जूते देखकर वह हैरान रह गया।  

उन जूतों के उसे बहुत अच्छे दाम मिले। उस शाम वह फिर से चमड़े का टुकड़ा रखकर भूल गया। अगले दिन फिर से उसे जूते बने हुए मिले। ऐसा कई दिनों तक होता रहा।  

मोची और उसकी पत्नी इस रहस्य का पता लगाने के लिए दुकान में छुपकर बैठ गए। आधी रात को दो बौने आए और चमड़े से जूते बनाने लगे। मोची ने देखा उनके पास कपड़े नहीं थे।  

उन्होंने सोचा उन्हें बौनों के लिए सुंदर कपड़े बनाने चाहिएँ। अगली शाम दुकान में मोची ने चमड़े की जगह बौनों के लिए कपड़े रख दिए।  

बौने अपने कपड़े पहन कर खुशी-खुशी वहाँ से चले गए और कभी नहीं लौटे। इस घटना के बाद मोची भी अपनी पत्नी के साथ खुशी-खुशी रहने लगा।  

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