मुझे श्याम श्याम कहने दे,
ओ पापी मन ठेहरो जरा
गरब में प्रभु से जो वादा किया है
अब तक न मैंने वो पूरा किया है
मुझे वादा निभाने दे ओ पापी मन ठेहरो जरा
जीवन नैया डग मग डोले बीच भवर में खाए हिचकोले,
अब तो उस पार जाने दे ओ पापी मन ठेहरो जरा
ओ पापी मन तूने कुछ न दिया है अमृत को छोड़ विष गोल के पिया है
मुझे अमृत लुटाने दे ओ पापी मन ठेहरो जरा……………….