मुझे तुम याद आते हो कन्हियाँ याद आते हो
मेरी नींदे चुराते हो कन्हियाँ याद आते हो…..
मेरे मन में तुम्ही वस्ते सदा हस्ते हसाते हो
मेरी धडकन में तुम बसते ये धडकन तुम चलाते हो
मेरे सपनो में आते हो कन्हियाँ याद आते हो
करू मैं प्रीत तुम से ही मुझे तुम क्यों सताते हो
तेरे दर्शन का वर्त मेरा तो चेहरा क्यों छुपाते हो
मुझे अपना बना के भी संवारे भूल जाते हो
मुझे तुम याद आते हो कन्हिया याद आते हो…….
मेरी शरदा तुम्ही में है तुम्ही तो हो मेरे भगवन
ना जग में कोई दूजा है दिखे जिस में ये अपना पन
अमित इक साथ तेरा ही मुझे तुम क्यों सताते हो
मुझे तुम याद आते हो कन्हिया याद आते हो………..
मेरे मन में है चंचल सा उसे सीधा चलाते हो
मैं भूलो में रहा डूबा मुझे तुम ही बचाते हो
मेरे तुम ही सहारे हो कन्हिया याद आते हो
मुझे तुम याद आते हो कन्हिया याद आते हो…………..