मुझको एह श्याम मेरे चरनो में अपने रखलो
मैं न समज हु मेरे पापो को सार ढकलो
मुझको एह श्याम मेरे चरनो में अपने रखलो…..
डरता हु अंधेरो में तेरा साथ जो नही हो
विस्वाश है ये मेरा तेरी रौशनी कही हिया
अगर साथ हो जो तेरा टकराऊ मैं जहां से
तूफानों से भी केह दो हद पार अपनी करलो…..
वो तो सदियों से ही है साथ जब हमारे
फिर काहे का डर है जब संवारा खड़ा है
हार न होगी तेरी मेरे श्याम ने कहा है
मन साफ़ हो जो तेरा दिल से उसे निरख लो……..
पन्नू को छोड़ न देना मजधार में कन्हिया
तुझपर ही भरोसा संसार में किया है
डूबे गी या बचे गी परवाह नही है मुझको
माहि है काम तेरा तो तुम ही इसे बचा लो
मुझको एह श्याम मेरे चरनो में अपने रखलो…………