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मुरली वाले मेरे कन्हैया बिना तुम्हारे तड़प रहे


ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया, बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,
तुम्हारी यादों में प्राण प्यारे, आंखों से आंसू छलक रहे हैं,
ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं …

मुझे है कितनी तुमसे मोहब्बत, कभी जरा आजमा के देखो,
तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे, तुम्हारे कदमों में मर मिटेंगे,
दिल में ये अरमां मचल रहे हैं, ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं …

मुझे है चाहत बस एक तेरी, ना छोड़ना तुम मुझे अकेला,
तुम मुझसे बस इतना सा कहदो, तुम मुझसे बस इतना सा कहदो,
मिलने को तुमसे हम चल रहे हैं, ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं …

हम तुमसे दामन फैलाके मांगे, रहमत की अपनी तुम भीख दे दो,
‘चित्र विचित्र’ भी ऐ कमली वाले, चित्र विचित्र’ भी ऐ कमली वाले,
तेरे कर्म पे ही पल रहे हैं, ऐ मुरली वालें मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं …….

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