ओ राधे ओ राधे ओ राधे
ओ राधे गोविन्द हरी ॐ गोपाल हरी ॐ
राधे ओ राधे
मोर मुकट धरी कृष्ण मुरारी,
राधा रमण मूरत मन हारी,
ॐ नमः हरी नमः हरी नमः ओ राधे,
सदा नन्द नंदन नन्द के लाला
बाल गोपाल यशोदा के लाला
ॐ नमः हरी नमः हरी नमः ओ राधे…………….
राधे रानी दे डालो ना, बांसुरी मेरी रे ।
कहे से बजाऊं राधे, काहे से मैं गाऊं रे ।
काहे से लावूं गईया, हे जी रे ॥
मुख से बजावो काहना, कंठ से गावो रे ।
लाठिय से लावो गईया, हे जी रे ॥
या बांसुरी में मोरे प्राण बसत हैं ।
वोही बंसरी ले गयी, छोरी रे ॥