एक दिन एक व्यक्ति संत के पास गया और बोला, ‘महाराज! मुझे कोई ऐसा उपदेश दीजिए।जो जिंदगी भर याद रहे।क्योंकि मेरे पास इतना समय नहीं है, कि रोज आपके पास आऊं औऱ घंटों बैठकर आपका उपदेश सुनुं।’
संत ने कहा, ‘ठीक है तो चलो मेरे साथ।’ संत उस व्यक्ति को श्मशान ले गए। वह व्यक्ति घबरा रहा था। उसने कहा, ‘यह आप मुझे कहां ले आए हैं।’
संत ने कहा, ‘तुमने कहा था कि तुम्हें कोई ऐसा उपदेश दूं कि तुम्हें मेरे पास बार-बार आने की जरूरत न हो तो बेशक यहां उस प्रश्न का उत्तर तुम्हें मिल जाएगा।’
इसके बाद वह दोनों एक पेड़े के नीचे बैठ गए। तभी उन्होंने देखा कुछ लोग अरबपति व्यक्ति का शव लेकर आए। वहीं कुछ लोग एक कंगाल व्यक्ति का शव लेकर श्मशान में पहुंचे। दोनों को चिता पर जला दिया गया।
यह सब कुछ दिखाकर वह संत उस व्यक्ति को वापिस ले गया। और दूसरे दिन फिर बुलाया। संत ने बताया कि, अमीर हो या गरीब सभी को एक दिन मिट्टी में मिल जाना है। इसलिए अपना अनमोल समय अच्छे कामों में लगाना चाहिए। ताकि अंत में पछताना न पढ़ें।
Hindi toEnglish
One day a person went to the saint and said, ‘Maharaj! Give me any such advice. Remember that life. Because I do not have much time, that I should come to you every day and sit for hours and listen to your preaching. ‘
The saint said, ‘okay so with me.’ The saint took the person to the crematorium. The person was nervous. He said, ‘Where have you brought me?’
The saint said, ‘You had said that if you do not need to come to me repeatedly, then you will get the answer to that question here.’
After that both of them sat down under a tree. Only then did they see some people carrying a body of a billionaire, and they brought the body of a billionaire. Some people reached the crematorium with a body of a poor person. Both were burned on a pyre.
By showing all this, the saint took that person back. And the second day called again. The saint said that rich or poor everybody has to be found in the soil one day. Therefore, we should put our precious time in good deeds. Do not read so sorry at the end.