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पंचतंत्र की कहानी: शेर चूहा और बिल्ली

एक समय की बात है। अर्बुद शिखर नामक पर्वत की गुफा में दुर्दांत नाम का एक शेर रहता था। वह बड़ा ही खूंखार था। वह हर दिन अपनी गुफा से केवल शिकार करने के लिए बाहर निकलता था और पेट भरने के बाद वापस गुफा में जाकर सो जाता था। एक दिन न जाने कहां से उसकी गुफा में एक चूहा आ गया और वह भी वहीं एक बिल बनाकर रहने लगा।

एक रोज जब शेर गुफा में सो रहा था, तभी चूहा अपने बिल से बाहर निकला और उसके बालों को कुतर कर वापस बिल में चला गया। शेर की जब नींद खुली तो उसने देखा कि उसके बाल कुतरे हुए थे। वह गुस्से से आगबबूला हो गया। उसने चूहे को कई बार पकड़कर उसे मारने का प्रयास भी किया, लेकिन चूहा था कि हाथ ही नहीं आता था। हर बार वह भागकर अपने बिल में छिप जाता था।

अंत में शेर को एक युक्ति सूझी। उसने सोचा कि क्यों न चूहे को मारने के लिए इसका परम शत्रु लाया जाए। वह जंगल गया और बहला-फुसलाकर एक बिल्ली को अपनी गुफा में लेकर आया। इसके बाद से जब भी शेर सोता या आराम करता था, बिल्ली पहरेदार की तरह शेर की निगरानी करती थी। वहीं, शेर भी हर दिन बिल्ली के खाने के लिए ताजे-ताजे मांस लाता था। इससे वह बिल्ली कुछ ही दिनों में बहुत मोटी-ताजी हो गई थी।

दूसरी तरफ, बिल्ली की डर की वजह से चूहा अपने बिल में ही दुबका रहता था। वह खाने-पीने के लिए भी बिल से बाहर नहीं निकलता था। इस वजह से वह काफी कमजोर भी हो गया था। एक दिन भूख-प्यास से व्याकुल होकर चूहा अपने बिल से बाहर निकला। उसने देखा कि शेर अपनी गुफा में आराम फरमा रहा था और बिल्ली ताजे-ताजे मांस खा रही थी।

लेकिन, बिल्ली भी बहुत चालाक थी। चूहा जैसे ही शेर के पास उसके बाल कुतरने पहुंचा, बिल्ली ने तुरंत उस पर झपट्टा मारा और उसे निगल गई। वह बहुत खुश थी कि जब वह शेर को यह बताएगी कि चूहे से अब परेशान होने की जरूरत नहीं है, तो शेर बहुत खुश हो जाएगा और उसे ढेर सारे ताजे मांस लाकर देगा।

जब शेर अपनी नींद से जागा, तो बिल्ली ने उसे बताया कि उसने चूहे को मार दिया है। बिल्ली की बात सुनकर शेर बहुत खुश हुआ। अब उसकी परेशानी दूर हो गई थी, इसलिए वह बिल्ली अब उसके किसी काम की नहीं थी। उसी दिन से शेर ने बिल्ली के लिए मांस लाना बंद कर दिया।

इसके बाद भूखी-प्यासी बिल्ली कमजोर होने लगी थी। उसे समझ आ गया था कि शेर उसे मांस सिर्फ चूहे की वजह से देता था। अब चूहा नहीं है, तो उसे उसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वह बिल्ली उस गुफा को छोड़कर वहां से चली गई।

कहानी से सीख – शेर, चूहे और बिल्ली की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपना काम निकल जाने के बाद, हर कोई पराये की तरह व्यवहार करने लगते हैं। इसलिए, कभी किसी के अधिक मोह में न पड़ें।

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