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पंचतंत्र की कहानी: लालची मिठाई वाला

दिनपुर गांव में सोहन नाम का हलवाई रहता था। वह खूब बढ़िया और स्वादिष्ट मिठाइयां बनाने के लिए जाना जाता था। इसी वजह से उसकी दुकान पूरे गांव में मशहूर थी। पूरा गांव उसी की दुकान से मिठाई खरीदता था। वह और उसकी पत्नी मिलकर शुद्ध देसी घी में मिठाई बनाते थे। इससे मिठाइयां काफी अच्छी और स्वादिष्ट बनती थीं। हर रोज शाम होते-होते उसकी सारी मिठाइयां बिक जाती थीं और वह अच्छा मुनाफा भी कमा लेता था।

मिठाइयों से जैसे ही आमदनी बढ़ने लगी, सोहन के मन में और पैसा कमाने का लालच आने लग गया। अपने इसी लालच के चलते उसे एक तरकीब सूझी। वह शहर गया और वहां से एक दो चुम्बक के टुकड़े ले कर आ गया। उस टुकड़े को उसने अपने तराजू के नीचे लगा दिया।

इसके बाद एक नया ग्राहक आया, जिसने सोहन के पास से एक किलो जलेबी खरीदी। इस बार तराजू में चुम्बक लगाने की वजह से सोहन को अधिक मुनाफा हुआ। उसने अपनी इस तरकीब के बारे में अपनी पत्नी को भी बताया, लेकिन उसकी पत्नी को सोहन की यह चालाकी अच्छी नहीं लगी। उसने सोहन को समझाया कि उसे अपने ग्राहकों के साथ इस तरह की धोखेबाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन सोहन ने अपनी पत्नी की बात बिल्कुल भी नहीं सुनी।

वो हर रोज तराजू के नीचे चुंबक लगाकर अपने ग्राहकों को धोखा देने लगा। इससे उसका मुनाफा बढ़कर कई गुना अधिक हो गया। इससे सोहन को काफी खुशी हुई।

एक दिन सोहन की दुकान पर रवि नाम का एक नया लड़का आया। उसने सोहन से दो किलो जलेबी खरीदी। सोहन ने इसे भी चुम्बक लगे तराजू से तोलकर जलेबी दे दी।

रवि ने जैसे ही जलेबी उठाई, उसे लगा कि जलेबी का वजन दो किलो से कम है। उसने अपना शक दूर करने के लिए सोहन से दोबारा से जलेबी को तोलने के लिए कहा।

रवि की बात सुनकर सोहन चिढ़ गया। उसने कहा, ‘मेरे पास इतना फालतू समय नहीं है कि मैं बार-बार तुम्हारी जलेबी ही तोलता रहूं।’ इतना कहकर उसने रवि को वहां से जाने के लिए कह दिया।

सोहन मिठाई वाले की बात सुनने के बाद रवि जलेबी लेकर वहां से चला गया। वह एक दूसरी दुकान पर गया और वहां बैठे मिठाई वाले से अपनी जलेबी तोलने के लिए कहा। जब दूसरे दुकानदार ने जलेबी तोली, तो जलेबी सिर्फ डेढ़ किलो ही निकली। अब उसका शक यकीन में बदल गया था। उसे पता चल गया कि सोहन मिठाई वाले के तराजू में कुछ गड़बड़ है।

अब उसने तराजू की गड़बड़ को सबके सामने लाने के लिए खुद एक तराजू खरीद लिया और उसे ले जाकर सोहन मिठाई वाले के दुकान के पास ही रख दिया।

फिर रवि अपने सभी गांव के लोगों को वहां पर इकट्ठा करने में लग गया। जैसे ही लोगों की थोड़ी भीड़ बढ़ने लगी, तो उसने गांव के लोगों को कहा कि आज मैं आप सभी लोगों को एक जादू दिखाऊंगा। यह जादू देखने के लिए बस आप लोगों को सोहन मिठाई वाले से खरीदा गया सामान एक बार इस तराजू में तोलना होगा। तब आप लोग देखेंगे कि कैसे सोहन मिठाई वाले के तराजू में तोली गई मिठाइयां इस दूसरे तराजू में अपने आप ही कम हो जाती हैं।

कुछ देर बाद एक-दो लोग मिठाई लेकर रवि के पास पहुंचे, तो उसने ऐसा करके भी दिखाया। इसके बाद सोहन के दुकान से जिसने भी मिठाई खरीदी थी, सभी ने रवि के तराजू में तोलकर देखा, तो सबकी मिठाइयां 250 ग्राम से लेकर आधा किलो तक कम निकली। यह सब देखकर लोगों को काफी हैरानी हुई।

अपनी दुकान के पास ही यह सब होता देख सोहन मिठाई वाला रवि से झगड़ा करने लगा। उसने लोगों को बताया कि रवि यह सब नाटक कर रहा है। अपनी बात को सही साबित करने के लिए रवि सीधे सोहन मिठाई वाले का तराजू लेकर आया और तराजू में लगा चुम्बक निकालकर सबको दिखाने लगा।

यह देखकर गांव वालों को बहुत गुस्सा आया। सबने मिलकर उस लालची मिठाई वाले को खूब मारा। अब उस लालची मिठाई वाले को अपने लालच और उसके कारण की गई गलत हरकतों पर पछतावा हो रहा था। उसने अपने गांव के सभी लोगों से माफी मांगी और वादा भी किया कि भविष्य में वे ऐसी कोई भी जालसाजी नहीं करेगा।

सोहन की इस धोखेबाजी से पूरा गांव नाराज था, इसलिए लोगों ने उसकी दुकान में जाना काफी कम कर दिया। इधर, सोहन के पास पछताने के अलावा कुछ और नहीं बचा, क्योंकि वो पूरे गांव वालों का भरोसा खो चुका था।

कहानी से सीख – कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। हमेशा ईमानदारी के साथ अपना काम करने से ही इंसान का नाम होता है। लालच के चलते भले ही कुछ समय के लिए अच्छा फायदा हो, लेकिन इससे इज्जत और आत्मसम्मान दोनों कम हो जाते हैं।

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