जाकी अंग-अंग बाज़ सामानी
प्रभु जी ! तुम धनवान हम मुरा
जैसे चितवाट चंद्रा चकोरा
प्रभु जी ! तुम . हम बाटी
जाकी ज्योत बारे दिन राती
प्रभु जी ! तुम मोटी हम धागा
जैसे सोने मे मिलत सुहागा
प्रभु जी ! तुम स्वामी हम दासा
ऐसी भक्ति कर रे डासा
प्रभु जी ! तुम चंदन हम पानी
ज़की अंग-अंग बाज़ सामानी
Jaaki Ang-Ang Baas Samani
Prabhu Ji ! Tum Dhanwan Hum Mura
Jaise Chitwat Chandra Chakora
Prabhu Ji ! Tum Deepak Hum Baati
Jaaki Jyot Bare Din Raati
Prabhu Ji ! Tum Moti Hum Dhaaga
Jaise Sone Me Milat Suhaga
Prabhu Ji ! Tum Swami Hum Daasa
Aisi Bhakti Kar Re Dasa
Prabhu Ji ! Tum Chandan Hum Pani
Jaki Ang-Ang Baas Samani
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