पर्दा मुख से हटा बंसी वाले तेरी महफ़िल में आए दीवाने,
तेरी मुरली ने बहुत सताया सारे भक्तों को घर से बुलाया
बंसी फिर से बजा मुरली वाले तेरी महफ़िल में आए दीवाने,
मैंने लोक लाज सब छोड़ी तुझसे जोड़ी जगत से तोड़ी
मुझे अपना बना मुरली वाले तेरी महफ़िल में आए दीवाने,
तूने वृंदावन रास रचाया राधा रानी पर प्यार लुटाया
प्यार हम पर लुटा मुरली वाले तेरी महफ़िल में आए दीवाने,
अभी आए अभी चल दिए हो मेरा दिल तो भरा भी नहीं है
पास बैठो तो दो बात कर लूं जो बताने के काबिल नहीं है,
चोट खाई है जो दिल में हमने वह दिखाने के काबिल नहीं है…………