Breaking News

पहाड़ा विच रेहन वालिये

तेरे दर दी मैं ख़ाक बन जावा,
पहाड़ा विच रेहन वालिये,
तेरे दर दी मैं मंगती कहावा,
पहाड़ा विच रेहन वालिये,

तेरे चरना दी धूल मथे नाल लावा मैं,
लख लख वरि तेरा शुक्र मनावा मैं,
हर साह नाल गुण तेरे मैं गावा
पहाड़ा विच रेहन वालिये,

तेरे दर दी मैं करा सेवा सुबह शाम माँ,
भूल के एह जग सारा लावा तेरा नाम माँ,
एह तन मन लेखे तेरे लावा,
माँ मंदिरा च रेहन वालिये,
तेर दर दी मैं ख़ाक बन जावा…..

नैना न प्यास माँ तेरे ही दीदार दी,
मैनु बस लोड मैया तेरे ही प्यार दी,
जॉली वांग तेथो झोलियाँ भरावा,
मनी वांग तेथो झोलियाँ भरावा,
पहाड़ा विच रेहन वालिये…………

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....