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फिर दूर नही बंसी वाले फिर दूर नही मुरली वाले


मन इकतारा तू हाथ उठा ले
मीरा जैसा प्याला मस्ती का चडा ले,
अरे राधे राधे की जो प्यारे रटना लगा ले
फिर दूर नही बंसी वाले फिर दूर नही मुरली वाले……..

याहा श्यामा वाह श्याम मिले कोई माने या ना माने
श्याम दीवानी ये दुनिया श्यामा के श्याम दीवाने
श्यामा बसे वृन्दावन में श्याम है श्यामा के मन में
अरे श्यामा जू को यो तू अपने मन में वसा ले
फिर दूर नही बंसी वाले फिर दूर नही मुरली वाले…….

ये तीर्थ परिक्रमा और ये धुनी ध्यान समाधि
इक राधा के नाम बिना सब आधी की भी आधी
बिन राधे सब धाम धाम अधूरे श्याम अधूरे
राधे की धुन में जो तू खुद को रमा ले
फिर दूर नही बंसी वाले फिर दूर नही मुरली वाले……

प्रेम के वश में बंसी वाले भाव के भष में राधे,
राधे राधे भजो भाव से राधे ही श्याम मिला दे
राधा हरे तेरी व्यादा दूर करे हर इक वाधा,
खुद को कर दे जो तू राधे के हवाले
फिर दूर नही बंसी वाले फिर दूर नही मुरली वाले……………

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