Breaking News

पिया ने रंग डारी चुनरियाँ मोरी


रंग डारी रंग डारी पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी,

ओड चुनरियाँ पनियाँ गई मैं ब्रिज में अब ही आई नहीं मैं,
आया चलक वनवारी तान गई पिचकारी,
पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी ….

मैं हु भोरी बिरज की गोरी,कैसे खेलु तुम संग होली,
छोड़ो कलाही न रोको कन्हाई पाइया परु वनवारी,
पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी ….

ऐसी अनीत न थानों मुरारी राधा रमन तेरी बलिहारी,
जोरा जोरि न मोहसे खेलो न होली गूंगी मैं मोहन नगारी,
पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी………

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....