रंग डारी रंग डारी पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी,
ओड चुनरियाँ पनियाँ गई मैं ब्रिज में अब ही आई नहीं मैं,
आया चलक वनवारी तान गई पिचकारी,
पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी ….
मैं हु भोरी बिरज की गोरी,कैसे खेलु तुम संग होली,
छोड़ो कलाही न रोको कन्हाई पाइया परु वनवारी,
पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी ….
ऐसी अनीत न थानों मुरारी राधा रमन तेरी बलिहारी,
जोरा जोरि न मोहसे खेलो न होली गूंगी मैं मोहन नगारी,
पिया रंग डारी चुनरियाँ मोरी………