प्रेमियों प्रेम से बोलो गोविन्द हरे हरे,
गोविन्द हरे हरे गोपाल हरे हरे…..
मेरे सोने सावरे दा रूप निराला है,
माथे पे तिलक सोहे गल बैजंती माला है,
प्रेमियों प्रेम से बोलो……
मेरे सोने सावरे दा सोहना सोहना मुखड़ा है,
दर्शन करके ओहदा मिट जन्दा सब दुखड़ा है,
प्रेमियों प्रेम से बोलो………
मेरे सोने सावरे दा वृन्दावन डेरा है,
जितना भजन करो उतना ही थोरा है,
प्रेमियों प्रेम से बोलो……..
मेरे सोने सावरे दी मुरली प्यारी है,
जिथे मेरे श्याम रेह्न्दी ओथे खिली फूलवाडी है,
प्रेमियों प्रेम से बोलो………
मेरे राधा मोहन दी सुन्दर जोड़ी है,
जितनी उपमा करो उतनी ही थोरी है,
प्रेमियों प्रेम से बोलो………