राधे किशोरी, दया करो,
राधे किशोरी, दया करो,
हम से दीन ना कोई जग में,
बान दया के तनिक धरो,
माधव की लाड़ली दया करो।
सदा धरी दीनन पे श्यामा,
यह विश्वाश जो मन ही खरो,
राधे किशोरी, दया करो,
माधव की लाड़ली दया करो।
विषम विषय विष ज्वाल माल में,
विविध ताप तपित जू जरो,
राधे किशोरी, दया करो,
श्यामा प्यारी, दया करो ।
कबहुँ तो करुणा करोगी श्यामा,
यह आस लिये द्वार परो।
राधे किशोरी, दया करो,
राधे किशोरी, दया करो,
माधव की लाड़ली दया करो।
बाबा की लाड़ली दया करो,
संतों की लाड़ली, दया करो,
भक्तों की प्यारी, दया करो,
माधव की लाड़ली दया करो…..