राधे मिलादे मोह से मदन मुरारी
करदो श्री राधे अर्जी पास हमारी
राधे मिलादे मोह से मदन मुरारी
ढूंड ढूंड के हारे नैना मनवा होए उदास है
तू ही पता बता दे राधे तू तो उनकी ख़ास है
कहा मिलेगो रास रचईया गोवर्धन गिरधारी
राधे मिलादे मोह से मदन मुरारी
बंसी बट पे दोनों भटको वाहा नही वो पायो
यमुना तट पे और पनघट पे कही नजर ना आयो
तुम्हे पता है तुम्हे खबर है सब ब्रिश्बानु दुलारी
राधे मिलादे मोह से मदन मुरारी
गईया मिल गी बछिया मिल गी
मिल गए ग्वाले वाले मिले नही तो बस इक राधे
हम को बंसी वाले
तुमसे पूछे बिना न जाते कही सुदर्शन धारी
राधे मिलादे मोह से मदन मुरारी………..