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राजकपूर की फिल्मी यात्रा बांबे से शाजापुर तक

लिहाजा राजकपूर थोड़ा आगे बढ़े। किस्मत की बात बांबे से शाजापुर (कनासिया नाका) की दूरी ठीक 420 मील निकली।
ये सन 1953/54 की बात है। राजकपूर अपनी फिल्म यूनिट के साथ बंबई~आगरा रोड़ पकड़कर निमाड़ के रास्ते मानपुर घाट रुके। मानपुर की हरियाली और हाइवे उन्हें भा गया। मानपुर के डाक बंगले में उन्होंने एक रात गुजारी। आज भी मानपुर के उस डाक बंगले में राजकपूर साहब के सफर की तस्वीर लगी है। इंदौर होते हुए राजकपूर सीधे शाजापुर पहुंचे।

शाजापुर के करीब कनासिया नाका पर बराबर 420 मील पूरे हो रहे थे लिहाजा उन्होंने कनासिया नाके पर बंबई 420 मील दूर लिखा बोर्ड लगाया। उस जमाने में किलोमीटर चलन में नहीं था। कनासिया नाके से शाजापुर 16 मील और देवास 21 मील की दूरी पर था। फिल्म की शुरूआत भी इसी सीन से होती है जब इलाहाबाद के एक नौजवान रोजगार की तलाश में बांबे निकलता है। फिल्म में देवास और शाजापुर लिखा बोर्ड दिखाते है और फिर शुरू होता है वर्ल्ड फेमस गाना__
मेरा जूता है जापानी

राजकपूर को फिल्म की लोकेशन के लिए हाईवे की लोकेशन भा गई। जिसके बाद उन्होंने “मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंग्लिशतानी” की शूटिंग भी यहीं से शूरू की, जिसमें पुराने हाईवे का हाल नजर आता है। राजस्थान से मालवा में गुजरते ऊंटों के कारवां को भी राज साहब ने गाने में कैद किया और मानपुर घाट का खूबसूरत सीन भी शूट किया।
फिल्म का पढ़ा~लिखा हीरो इतना ज्यादा गरीब रहता है कि उसके पास बांबे जाने के लिए किराया~भाड़ा भी नहीं होता तब वो पैदल निकल पड़ता है।

इलाहाबाद से शाजापुर पहुंचते~पहुंचते उसके जूते तक फट जाते है। पुराने बांबे~आगरा रोड़ पर फिल्माए इस गाने ने हिंदुस्तान से लेकर रूस तक कामयाबी के झंडे गाड़ दिए।
मेरा जूता है जापानी गाना शाजापुर से मानपुर घाट के बीच पुराने हाइवे के अलग~अलग हिस्सों में फिल्माया गया था।

राज कपूर की आखिरी फिल्म कौन सी थी?

राज कपूर की आखिरी प्रमुख फ़िल्म वकील बाबू (1982) थी जिसमें वह अपने छोटे भाई शशि के साथ नज़र आये थे। 1982 में उन्होंने चोर मंडली नामक एक फिल्म की शूटिंग की और पूरी की, जिसमें वह साथी अनुभवी अभिनेता अशोक कुमार के साथ दिखाई दिए, जो कानूनी विवाद के कारण अप्रकाशित रही।

कपूर परिवार कहां से है?

कपूर पितामह स्वर्गीय पृथ्वीराज कपूर, जिन्हें फिल्म जगत में पहले ‘कपूर’ के नाम से जाना जाता है, का जन्म 1906 में पंजाब के लायलपुर में हुआ था।

राज कपूर को मरे हुए कितने साल हो गए?

2 जून 1988 को 63 साल की उम्र में अस्थमा के बिगड़ने से राज कपूर का निधन हो गया था। उनकी सिनेमाई विरासत बाद में बेटों ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर ने सम्भाली, मगर बेटियां रीमा कपूर (जैन) और रितु कपूर (नंदा) फिल्म इंडस्ट्री से दूर ही रहीं।

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