एक युवक किसी सामान्य नौकरी की आकांक्षा लिए सर श्रीराम के पास पहुंचा। उन्होंनें उस युवक की आंखों की तरफ देखा और कुछ क्षण बाद बोले, यद्यपि तुम्हारी प्रतिभा और योग्यता उस पद से अधिक है, तथापि मैं तुम्हें अपनी मिल के एक विभाग का मैनेजर नियुक्त करता हूं।
आनंद से विभोर उस युवक की आंखें खुशी के आंसु से गीली हो गईं। वह भावुक हो गया। सर श्रीराम के चरण छूकर बोला, सर विशेष पढ़ा- लिखा न होने पर भी आप इतना महत्वपूर्ण पद मुझे सौंप रहे हैं। आपकी इस उदारता का बदला मैं अथक परिश्रम करके चुकाउंगा।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! मुझे कागज पर लिखी लंबी-चौड़ी डिग्रियों से अधिक किसी व्यक्ति के अंतर में छिपी उसकी योग्यता पर अधिक भरोसा रहता है। मैनें तुम्हारे नेत्रों की भाषा पढ़कर यह जान लिया है कि तुम इस पद की प्रतिष्ठा को बखूभी निभाओगे। इसलिए तुम आज से ही कार्यभार संभालो।
In English
A young man approached Sir Shriram for the aspiration of a normal job. He looked at the young man’s eyes and spoke a few moments later, although your talent and qualification is more than that post, however, I appoint you a manager of a department of your own.
Due to happiness, the eyes of that young man became wet with happiness. He became passionate Talking to the feet of Sir Shriram, you have been entrusting me with such an important post, even if you have not read any particular work. I will be reeling from your generosity by working tirelessly.
Thanks a lot! I have more faith in my ability to hide in the distance of a person more than the wide-ranging degrees on paper. By reading the language of your eyes, I have learned that you will be very proud of the position of this post. That’s why you took charge from today.