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भगवान को प्रणाम करने का सही तरीका ?

एक बार चित्र को गौर से देखिए फिर पोस्ट पढ़े। भारतीय महिलाएं दंडवत प्रणाम क्यों नहीं करती हैं ?

ये है भगवान को प्रणाम करने का सही तरीका। आपने कभी ये देखा है कि कई लोग मूर्ति के सामने लेट कर माथा टेकते है। जी हां इसी को साष्टांग दंडवत प्रणाम कहा जाता है।

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस प्रणामें व्यक्ति का हर एक अंग जमीन को स्पर्श करता है। जो कि माना जाता है कि व्यक्ति अपना अहंकार छोड़ चुका है। इस आसन के जरिए आप ईश्वर को यह बताते हैं कि आप उसे मदद के लिए पुकार रहे हैं।

यह आसन आपको ईश्वर की शरण में ले जाता है लेकिन आपने यह कभी ध्यान दिया है कि महिलाएं इस प्रणाम को क्यों नहीं करती है। इस बारें में शास्त्र में बताया गया है, जानिए क्या?

शास्त्रों के अनुसार स्त्री का गर्भ और उसके वक्ष कभी जमीन से स्पर्श नहीं होने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका गर्भ एक जीवन को सहेजकर रखता है और वक्ष उस जीवन को पोषण देते हैं। इसलिए यह प्रणाम को स्त्रियां नहीं कर सकती है। जो करती भी है उन्हें यह प्रणाम नहीं करना चाहिए।

Translate in English

Take a look at the picture once and then read the post. Why don’t Indian women offer obeisances?
This is the right way to worship God. Have you ever seen that many people lie down in front of the idol and bow their heads. Yes, this is called prostration worship.
According to the scriptures, it is believed that in this prayer every part of the person touches the ground. Which is believed that the person has given up his ego. Through this posture, you tell God that you are calling on Him for help.
This asana takes you to the shelter of God but have you ever noticed that why women do not perform this pranam. This has been told in the scriptures, know what?
According to the scriptures, a woman’s womb and her breast should never touch the ground. This is because her womb holds a life and the breasts nourish that life. Therefore, women cannot do this pranam. Whoever does this, they should not do this obeisance.

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