एक दिन तीन निर्धन दोस्तों को सड़क पर एक रुपया गिरा हुआ मिला। वह तीनों ही उस रुपए पर अपना-अपना हक जताने लगे।
अन्ततउन्होंने झगड़ा न करने का निर्णय लेकर तय किया कि वे उस रुपए से कुछ खाने की वस्तु खरीदकर आपस में बाँट लेंगे।
उनमें से पहला बोला,” मैं कुछ मीठा खाऊंगा” दूसरा बोला,’मुझे तो बड़े जोरों की भूख लगी है, इसलिए मैं तो भरपेट खाना खाऊगा। ”
तीसरा बोला,‘मुझे तो बड़ी प्यास लगी है, इसलिए मैं कोई पेय पदार्थ लेना चाहता हूं। ”
जब वे इस प्रकार आपस में बहस कर रहे थे, वहाँ से एक बुजुर्ग व्यक्ति गुजर रहा था। उसने उन तीनों की बात सुनकर उन्हें अपने पीछे एक फल की दुकान तक आने को कहा।
वृद्ध व्यक्ति ने उनसे वह रुपया लेकर उससे कुछ अँगूर खरीदे। फिर वह उन तीनों से बारी-बारी से बोला, ‘तुम इसे खा सकते हो, क्योंकि
ये मीठा है। इन्हें खाने से भूख मिट जाती है, इसलिए तुम इनसे भूख मिटा सकते हो। ये फल रसदार भी होते हैं इसलिए इन्हें खाकर तुम अपनी प्यास
बुझा सकते हो।”
इस तरह तीनों दोस्तों ने खुशी-खुशी अँगूरों का आनंद लिया और अपने-अपने रास्ते चल दिए ।