साँझ सेवरे अधरो पे मेरे बस तुम्हारो है नाम संवरिया
बस तुम्हरो है नाम……
मैं तुम्हरी दासी तुम मेरे स्वामी मैं राधा तुम श्याम सांवरिया
बस तुम्हरो है नाम सांवरिया….
जागी भी तो सोय रही मैं ध्यान में उसके खोय रही में
हाय मे क्या जानू क्या जानू कब दिन बीता
बीत गयी कब शाम संवरिया
बस तुम्हरो है नाम संवारिया……
गोकुल मथुरा तीरथ सारे कितने सुंदर कितने न्यारे
पर मैं ना मानूं ना मानूं पति चरणों सा जग में कोई है धाम संवरिया
बस तुम्हरो है नाम……..
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राधे राधे…..जय श्री राधे राधे…..
इक दिन मैं चुरा के ले जानी
मेरे मोहना बंसी तेरी वे……
ए जाान पई कढदी मेरी वे।
इक दिन मैं चुरा के ले जानी……
तू मेरे विच मैं तेरे विच ए विच किद्रो आयी
बंसी कारण तेरी मेरी होंदी रोज़ लड़ाई। -2
जींद जान दुखा ने गेरी वे….
ए जाान पई कढदी मेरी वे।
इक दिन मैं चुरा के ले जानी……
जादूगरनी बंसी तेरी जादू कर गयी मेनू
मैं दीवानी होइ मस्तानी मैं आखां पई तेनु -2
दस हूँन की मर्ज़ी तेरी वे….
ए जाान पई कढदी मेरी वे।
इक दिन मैं चुरा के ले जानी……
हर वेले ए बजदी रेहँदी पता नहीं की केहन्दी
राधा राधा कह के मेनू ताने देंदी रेहँदी -2
पाई दास दे वल भी फेरी वे….
ए जाान पई कढदी मेरी वे।
इक दिन मैं चुरा के ले जानी……
मेरे मोहना बंसी तेरी वे……
ए जाान पई कढदी मेरी वे।
इक दिन मैं चुरा के ले जानी…………