मेरी बात पे, साँवरे,
करो ज़रा तुम गौर,
किस को दुःख, जाकर कहें,
नटवर नन्द किशोर ll
सुनो हे, साँवरिया सरकार ,
*तुम बिन विपदा, कौन हरेगा ,
सौलहां कलां अवतार,,
सुनो हे, साँवरिया सरकार
फैली है, कैसी महमारी ,
संकट में है, दुनियाँ सारी ,
*मुरली मधुर, सुना दो आकर ,
सुन लो करुण पुकार,,
सुनो हे, साँवरिया सरकार
तेरे दरस को, नैना तरसे ,
सावन भादों, तीज ज्यों बरसे,
*समय आ गया, कैसा हो गए ,
मंदिर के बंद द्वार,,,
सुनो हे, साँवरिया सरकार
चमत्कार, ऐसा दिखला दो ,
दुःख संकट सब, दूर भगा दो ,
*भीमसेन की इतनी बिनती ,
कर लेना स्वीकार,,,
सुनो हे, साँवरिया सरकार …….