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सांवरियां सूरत तेरी मुस्काती मूरत तेरी

सांवरियां सूरत तेरी मुस्काती मूरत तेरी,
तुझमे वसी है मेरी जान होते हो सब पे मेहरबान,

आख्या में काजल तेरे होठो लाली लगाई,
काली घुंगर बालो में मोर पंखी सजाई ,


माथे पे चन्दन सोहे सब के ही मन को मोहे,
तुझमे वसी है मेरी जान होते हो सब पे मेहरबान,

छोटे छोटे हाथो में किसने मेहँदी लड़ाई,
नाजुक सी तेरी कलाई किस ने मुंदरी पहनाई,


बाजू में बाजू बंद है बागा बासंती रंग है,
कामर पर धनियां भाये पाये पैजनियां गाये,
छम छम गये श्याम नाम होते हो सब पे मेहरबान,

तू ही तो नटवर नागर फोड़े है सब की गागर,
तू ही भर सकता बाबा गागर में सारा सागर,


नक पे गिरवर उठाये ऊँगली पर चक्र चलाये,
कर देता सब के पुरे काम,होते हो सब पे मेहरबान,,,,,,,,

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