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शाम सवेरे करू सिमरन तेरा


चरणों में बाबा तेरे रहे मेरा मन,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा,
आखियो को मिले हरी दर्शन तेरा,
चरणों में बीते अब जीवन मेरा,
चरणों में बाबा तेरे रहे मेरा मन

तुम्हने ही बाबा मेरी  जिंदगी सवारी है,
फसी मझधार में नैया हमारी है,
तेरी ही तो दुआ से खिला आसान मेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा,

ऐसे पाई किरपा जैसे तरवर की छाया है,
रोग शोक मिटे हुई कंचन काया है,
फूलो से भर दिन दामन मेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा,

बाबा तुमने हम को बड़े नाजो से पाला है,
गम के आन्ध्रों में भी तुमसे उजाला है,
घर में लगाओ मेरे पावन फेरा
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा,

मन को लुभाये झूठे जग की ये माया है,
गुरु के ज्ञान से ही जीवन बच पाया है,
कमल का कपिल पूरी जीवन मेरा,
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा…….

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