एक गरीब पिता ने अपने इकलौते बेटे को खूब पढ़ा लिखा कर एक बड़ा इंसान बनाने का फैसला कर लिया था। पिता दिन रात मेहनत करता और अपने बेटे के पढाई का खर्चा उठता। बीटा ही खूब मन लगाकर पढता। एक दिन पिता का सपना सच हो गया। बेटा पढ़ लिख कर बहुत बड़ा आदमी बन गया और उसने अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर लिया और उसमे बहुत सफल हो गया।
एक दिन बेटा अपने बड़े और आलिशान ऑफिस में बैठा हुआ था तभी उसके पिता उसका ऑफिस देखने आये। बेटा अपने ऑफिस की शानदार कुर्सी पर बैठा हुआ था। पिता का देख बेटा खुश हो गया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया। पिता ने बेटे को कुर्सी पर बैठाया और बेटे के पीछे खड़े हो गए और उसके कंधो पर अपना हाथ रखते हुए कहा “बेटा, तुम्हे पता है कि आज इस दुनिया में सबसे शक्तिशाली इंसान का एहसास किसे होता होगा ?”
पिता आगे कुछ और बोल पाते तभी बेटे ने कहा “पिता जी मैं हूँ सबसे शक्तिशाली इंसान” पिता ने सोचा था कि बेटा उन्हें ही सबसे शक्तिशाली कहेगा लेकिन बेटे के इस जवाब सेउन्हें बहुत निराशा हुई। “ठीक कहा बेटा” इतना कहते ही पिता बेटे के ऑफिस से जाने ही लगे थे कि एक बार और पीछे मुड़ कर वही सवाल बेटे से किया “बेटा, तुम्हे अभी भी लगता है कि तुम सबसे शक्तिशाली हो?”
बेटे ने कहा “नहीं पिता जी, इस दुनिया में अगर कोई सबसे शक्तिशाली है तो वो आप हैं”
“लेकिन अभी तो तुमने कहा था कि तुम ही सबसे शक्तिशाली हो” पिता ने फिर पुछा
“हाँ, वो मैंने इसलिए कहा था क्यूंकि उस वक़्त दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान के हाथ मेरे कंधे पर थे, इसलिए उस वक़्त मैं खुद को सबसे शक्तिशाली मेहसूस कर रहा था” बेटे ने जवाब दिया
ये सुन पिता की आँखों में आंसू आ गए और उन्होंने अपने बेटे को गले से लगा लिया।
कहानी की शिक्षा: माता पिता हमारे जीवन का आधार हैं। यदि उनका आशीर्वाद है तो हम इस दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं। अपने माता पिता के आशीर्वाद के बिना हम कुछ भी नहीं इसलिए हमेशा अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करे और उनके दिए सुझाव को गंभीरता से ले।
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