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शरण पड़ी हु तेरी बाबा


हाथो में है मोरछडी और इक हाथ में निशान
आई तेरे दर पे बाबा रख ले मेरा मान
रखलो मेरी लाज प्रभु जी देना नाथ बिहारी
शरण पड़ी हु तेरी बाबा आज मैं दुखियारी
हे श्याम गिरवर धारी ओ लीले के असवारी

श्याम के चर्चे सारे जग में सब ने सुनी कहानी
तुझसे ही तो रोशन होती मेरी ये जिंदगानी
मैं तुझसे तू मुझसे करता है जो दिल की बाते
झूठे इस संसार को क्या बताये रिश्ते नाते
हे श्याम गिरवर धारी ओ लीले के असवारी

पर्चे तेरे पूजे दुनिया कलयुग के अवतारी
खुद को खो कर तुझको पाया ओ बांके बिहारी
रोम रोम में तुही बसा है किस को जा के दिखाऊ
नैना बरसे नीर जो उस में तुझको ही मैं बहाऊ
हे श्याम गिरवर धारी ओ लीले के असवारी

श्याम खवैया जीवन नैया अटकी बीच भवर में
पार लगा दो इक को कन्हिया तुझसे धीर धरे है
शवेता रोनक अर्ज लगावे दर्श दिखा दो मोहन
भगतो की विनती यही है करदो नैना पावन
हे श्याम गिरवर धारी ओ लीले के असवारी………….

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