श्री वृन्दावन धाम प्रभु का याहा सम्बल कर आना जी
रॉक दवेष बिकार बासना याहा न लेकर आना जी
श्री वृन्दावन धाम प्रभु का याहा सम्बल कर आना जी,,,,,,,,,,,,,,,,
कल कल करती यमुना बेहती निर्मल जल की धारा है
श्याम प्रभु के सुंदर दर्शन बंसी बट अति प्यारा है
राधा रमण की वाधा हर के दुखड़े सभी सुनाना जी
श्री वृन्दावन धाम प्रभु का याहा सम्बल कर आना जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
यमुना जल दुष्टि नही करना कचड़ा फेला ते डरना
श्याम प्रभु का घर वृन्दावन ब्रिज की मर्यादा रखना
सेवा कुंज और निधि वन में दिल से शीश जुकाना जी
श्री वृन्दावन धाम प्रभु का याहा सम्बल कर आना जी,,,,,,,,,
भगती की भूमि वृंदावन याहा रसिको का वासा है
दासी को दर्शन दो बिहारी दर्शन का मन प्यासा है
गोपेश्वर के दर्शन कर के जीवन सफल बनाना जी
श्री वृन्दावन धाम प्रभु का याहा सम्बल कर आना जी,,,,,,,,,,,,,,