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श्याम धनि मुझे शरण में लेलो


तुम्हे छोड़ के कहा मैं जाऊ धोखे बाज जमाना है
श्याम धनि मुझे शरण में लेलो ना कोई और ठिकाना है,

तू रमा मेरी धड़कन में तू वसा मेरी सांसो में
मन मोहनी तेरी सूरत है वसी हुई आँखों में
रहकर तुम से दूर अलग तो जीते जी मर जाना है,
श्याम धनि मुझे शरण में लेलो ना कोई और ठिकाना है,

मैं सारी उमर को रेहना चाहती हु तेरे संग में
कुछ कर दे एसी किरपा रंग जाऊ तेरे रंग में
जन्म जन्म तक उतर सके न ऐसा रंग चडाना है,
श्याम धनि मुझे शरण में लेलो ना कोई और ठिकाना है,

मैं कैसे तुझे बुलाऊ तू है नैनो का तारा
करके दीदार तुम्हारा मिलता है दिल को सहारा
राज अनाडी के भजनों को गा कर तुम्हे रिजाना है
श्याम धनि मुझे शरण में लेलो ना कोई और ठिकाना है…………

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