Breaking News

श्याम जिमावे जाटणी

नरम नरम लायी घाल गरम कान्हा माखन रोट मैं
श्याम जिमावै जाटनी घुंघट की ओट म्ह

सांवरिया करूं ओट तन मन तेरा जादू चढ़ रहया सै
घणां करू दीदार मेरा दीवानापन बढ़ रहया सै
दिल होजा सै घाल मेरा नजरां की चोट म्ह
श्याम जिमावै जाटनी घूंघट की ओट म्ह

डर लग गया मने सांवरे कदे मीरा  ना हो जाऊं मैं
छोड़ चौधरी बालका नै तेरे महँ खो जाऊं मैं
मोहनी मोहनी सूरत तेरी कर दे खोट महँ
श्याम जी मावे जाटनी घूंघट की ओट महं

इस ढाला का रिश्ता राखू ना कच्चा ना पक्का हो
निभजा आखिरी सांस तलक जो ना रोला ना रूकका हो
सागर धरै नित्न ध्यान तेरा तुम रहियो सपोर्ट महं
श्याम जिमावै जाटनी घूंघट की ओट म्ह………….

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....