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श्याम तेरे मुखड़े को जिसने निहारा


श्याम तेरे मुखड़े को जिसने निहारा,
नहीं भूलेगा मेरे श्याम ये नजारा ये नजारा,
प्यारे तेरा जलवा है ऐसा जादूगारा जादूगारा,
श्याम तेरे मुखडे को जिसने निहारा……

रतन जड़ित ये मुकुट सलोने शीश पे सोहे तेरे,
मोर पंखुड़ी लगी किलंगी मन को मोहे मेरे,
हिरा ऐसे चमक रहा है जैसे सितारा वो सितारा,
नहीं भूलेगा मेरे श्याम ये नजारा ये नजारा,
श्याम तेरे मुखडे को जिसने निहारा…..

बांकी अदाएं बांके तेरी उस पर चाल नवाबी,
फूलों की पंखुड़ियां जैसी लब है लाल गुलाबी,
तुमको प्यारे आज बता दे किसने संवारा ओ संवारा,
नहीं भूलेगा मेरे श्याम ये नजारा ये नजारा,
श्याम तेरे मुखडे को जिसने निहारा…..

काजल वाली श्याम तुम्हारी ये कजरारी आँखे,
मानो जैसे बोल पड़ेगी हर्ष करेंगी बातें,
फुट रहा है प्रेम का देखो कोई फुहारा ओ फुहारा,
नहीं भूलेगा मेरे श्याम ये नजारा ये नजारा,
श्याम तेरे मुखडे को जिसने निहारा…………

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