तेरा शुक्रिया है………..2
मेरे अंगना में आए…. मेरे श्यामा….
दुनिया ने मुझको कभी नहीं जाना,
आपने मुझको है पहचाना…-2
मेरे श्याम मुझ पर….अहसां तुम्हारा,
मेरे अंगना में………,
तेरे दर पर आके श्याम शीश मैं नवाउँ,
शीश को नवाउँ श्याम झोली मैं फैलाउँ…-2
दो फूल श्रद्धा के….डालो मेरे श्याम
मेरे अंगना में…………,
तन-मन की मिट्टी से आसन बनाउँ,
हृदय की कलियों से उसको सजाउँ…-2
अपनी चरण धूली से… कुटिया रंग दो
मेरे अंगना में……..,
आपने आके प्रभु मुझको संभाला,
मंझधार में थी नैया दे दिया सहारा…-2
मेरे श्याम तुम पर…बली-बली जाउँ
मेरे अंगना में आए…. मेरे श्यामा………,