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श्याम तेरी जब बंशी बोले मेरा कौन ठिकाना


श्याम तेरा जब बंशी बोले,सब जग हुआ दीवाना
मेरा कौन ठिकाना,मेरा कौन ठिकाना,

जहाँ बिताए बचपन और जहाँ साथ साथ मे खेला
उसको भी न समझ मे आये बनबारी तेरी लीला,
युग युग से जो प्रेम में डूबा उसका प्यास बुझे न ,

देती है आवाज़ तुझे अब भी यशोदा मैं,
लेती है छुप छुप के सखिया तेरी आज बलैया,
राधा नही दीवानी सारे गोकुल हुए दीवाना,,,,,,,,


बंसी वाले को तुम याद करलो
कष्ट पल में काटेंगे तुम्हारे

बंसी वाले को तुम याद करलो
बंसी वाले को तुम याद करलो
कष्ट पल में काटेंगे तुम्हारे -2
उसने कर दी
हाँ उसने कर दी
उसने कर दी नजर जब दया की
सारे कंकर बनेंगे सितारे -2
बंसी वाले को तुम याद करलो

जिसने पतझड़ बहारो में बदली
जिसने कांटो में फूल खिलाये
जिसने सर पे कई मुफ़लिसों के
ताज हीरे जड़ित है सजाये
तेरी झोली में
हाँ तेरी झोली में
तेरी झोली में तुम देख लेना
वो ही भर देंगे खुद चाँद तारे -2
बंसी वाले को तुम याद करलो

सौ कदम चल के वो थाम लेंगे
एक कदम कभी तुम बढ़ के देखो
वो लकीरे बदल देंगे तेरी
तुम भरोसा कभी कर दे देखो
तेरी कश्ती जो
हाँ तेरी कश्ती जो
तेरी कश्ती जो फंसी जो भंवर में
वो लगा देंगे पल में किनारे -2
बंसी वाले को तुम याद करलो

तुम छुपाओगे उस से भला क्या
कौन कैसा वो पहचानते है
किसकी मन की गठरिया में क्या है
बाख़बर है वो सब जानते है
वो नचाते है
हाँ वो नचाते है
वो नचाते है उंगली पे सबको
हम खिलौने क्या बस में हमारे -2
बंसी वाले को तुम याद करलो
कष्ट पल में काटेंगे तुम्हारे
उसने कर दी नजर जब दया की
सारे कंकर बनेंगे सितारे
बंसी वाले को तुम याद करलो…..

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